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सर्वनाम की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण सहित संपूर्ण जानकारी

सर्वनाम किसे कहते हैं?

जो शब्द संज्ञा के नामों की जगह प्रयुक्त होते हैं उसे सर्वनाम कहते हैं। अथार्त संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।
हिंदी में कुल 11 मूल सर्वनाम होते हैं :- मैं , तू , यह , वह , आप , जो , सो , कौन , क्या , कोई , कुछ आदि।
सर्वनाम के उदाहरण :
(1) रीता ने गीता से कहा , मैं तुम्हे पुस्तक दूंगी।
(2) रीता ने गीता से कहा , मैं बाजार जाती हूँ।
(3) सोहन, मोहन के साथ उसके घर गया।
नोट : यहाँ पर मैं , वह और उसके संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम प्रयुक्त हुए हैं।



सर्वनाम के भेद कितने हैं?

  • पुरुषवाचक सर्वनाम
  • निजवाचक सर्वनाम
  • निश्चयवाचक सर्वनाम
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  • संबंधवाचक सर्वनाम
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम

पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसका प्रयोग स्त्री और पुरुष दोनों के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा की जगह पर किया जाता है।
जैसे :- मैं  , वह , हम , आप , उन्हें आदि।

पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद कितने हैं?

  • उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
  • मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
  • अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम

उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला खुद के लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- मैं  , हमारा , मुझको , हमको , हमें आदि।

मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला यानि वक्ता , सुनने वाले यानि की श्रोता के लिए प्रयोग करता है उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- तुम, तुम्हारा , आप , आपको, तुम्हे , आपका , आप लोग , तुमने आदि।

अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला , सुनने वाले के अलावा जिसके लिए करता है उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- वह , वे , ये , इसने , वो , उन्हें , उसे आदि।

निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन सर्वनामों का प्रयोग कर्ता के साथ अपने पन का बोध करने के लिए किया जाता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जहाँ पर वक्ता अपने या अपने आप शब्द का प्रयोग करता है वहाँ पर निजवाचक सर्वनाम होता है।
जैसे :- हमें , तुम , अपने, आप , निजी , स्वंय आदि।

निजवाचक सर्वनाम (आप) का प्रयोग अर्थों में :-

(क) आप को दूसरे व्यक्तियों के निराकरण के लिए किया जाता है।
जैसे :- उन्होंने मुझे रहने के लिए कहा था और आप चलते बने।
(ख) आप को संज्ञा या सर्वनाम के निश्चय के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे :- मैं आप वहीं से आया हूँ।
(ग) आप का प्रयोग अवधारण में कभी कभी ही जोडकर किया जाता है।
जैसे :- मैं यह कार्य आप ही कर लूँगा।
(घ) आप को सर्वसाधारण के अर्थ के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे :- अपने से बड़ों का आदर करना उचित होता है।

निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह , वह , वे , ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।
जैसे :-
  • यह मेरी पुस्तक है।
  • ये पुस्तक रानी की है।
इसमें यह , ये शब्द निश्चित वस्तु की और संकेत कर रहे हैं।

निश्चयवाचक सर्वनाम के भेद :-

  • निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम - जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराएँ उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे :- ये मुझे बहुत पसंद है।
  • दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम - जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करती है उसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे :- वे सेब हैं।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु आदि का निश्चयपूर्वक बोध न हो वहाँ पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- कोई , कौन , किसने , किन्ही ने , जौन , जहाँ आदि।

संबंध वाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन शब्दों से दो पदों के बीच के संबंध का पता चले उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- जैसी ,वैसी , जैसा , जो, सो , जिसने , वहाँ , जिसकी , उसकी , जितना आदि।

प्रश्नवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं?

जिन सर्वनाम शब्दों को प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- क्या , कौन , किसने , किसको , किसलिए आदि।

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